पैकेज लेकर ग्रुप में घूमना मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मुझे खुद से ही घूमना पसंद है। चाहे जितनी परेशानियां आएं लेकिन इसे ही मैं घुमक्कड़ी मानता हूं। पैकेज में आपको सबको पके पकाये खाने की तरह मिल जाता है। आपको कुछ नहीं करना होता है। खुद से घूमने में परिवहवन से लेकर होटल और खाने तक का प्रबंध सब कुछ करना होता है। ये पहली बार था कि मैं पैकेज लेकर किसी रिजार्ट में रूका था। इस पैकेज में मेरे कोई पैसे नहीं लग रहे थे इसलिए मुझे ऐसा करने में कोई गुरेज नहीं था।
मैंने इंटरनेट पर देखा था कि पैकेज में कई सारी गतिविधियां होती थीं। एक दिन पहले हम जिम कार्बेट नेशनल पार्क में रात में जिप्सी राइड पर गये थे। 25 अप्रैल 2022 को हम बिना इंटरनेट के सुबह-सुबह उठे। शहर की भीड़भाड़ से दूर ये हमारी शांति से भरी सुबब थी। हमें कुछ देर बाद जिम कार्बेट में ट्रेकिंग पर जाना था। हम लोग जल्दी-जल्दी तैयार हुए और नाश्ता किया। अब हम चलने को तैयार थे।
जंगल में सैर
हमारे साथ मंडाल रिजार्ट में काम करने वाले दो लोग थे जिनके साथ हम ट्रेक करने वाले थे। हम पैदल-पैदल बकराकोट गांव में चलने लगे। थोड़ा आगे चलने पर उन्होंने पेड़ से एक फल तोड़ा और बताया कि ये रुद्राक्ष है। फल को छीला तो वो रुद्राक्ष ही था। मैं पहली बार पेड़ पर रुद्राक्ष को देख रहा था। मैंने उस रुद्राक्ष को अपने पास रख लिया और आगे बढ़ने लगे। हमें जंगल में 6-7 किमी. पैदल चलना था।
रुद्राक्ष। |
मैंने पहाड़ों में काफी ट्रेकिंग की है लेकिन जंगल में पैदल चलने का पहला अनुभव है। थोड़ी देर में हम खुली जगह से घने जंगल में पहुँच गए। हमारे साथ जो दो लोग थे उन्होंने बताया कि हम जिम कार्बेट के बफर जोन में हैं। जिम कार्बेट नेशनल पार्क में तीन जोन हैं, बफर, कोर और रिजर्व। आग की वजह से कई जगहों पर जले हुए पेड़ मिल रहे थे। इन सबको पार करते हुए हम घने जंगल में बढ़ते जा रहे थे।
टाइगर मिला?
थोड़े आगे बढ़े तो गाइड ने हमें एक पैर का निशान दिखाया। उन्होंने बताया कि ये टाइगर का निशान है और 1 दिन पुराना लग रहा है। आगे बढ़ने पर गाइड ने कहा कि अपने कान और आंखें दोनों खुली रखना। उसका ये बयान चेतावनी की तरह लग रहा था। अब हम बिल्कुल आराम आराम से चले जा रहे थे। रास्ते में हमें एक जहरीला सांप भी मिला।
हमें अपने रास्ते पर बढ़ते जा रहे थे। जंगल इतना शांत था कि हमारे चलने की आवाज हमें साफ-साफ सुनाई दे रही थी। जंगल में लैंटाना ग्रास भी बहुत थी जो जंगल के लिए काफी खराब होती है। ऐसे ही अनजाने पेड़-पौधों के बारे में जानते हुए हम आगे बढ़ते जा रहे थे। रास्ते में हमें एक जगह और टाइगर का निशान मिला लेकिन अच्छी बात ये रही कि टाइगर अब तक नहीं मिला था और न ही हम चाहते थे कि आज हमें टाइगर दिखाई दे।
कुछ तो था
हम घने जंगल में बढ़े जा रहे थे। तभी गाइड ने हमें रूकने का इशारा दिया। मैंने एक जानवर को भागते हुए देखा लेकिन साफ-साफ नहीं देखा वो कौन-सा जानवर है? गाइड ने हमें वापस चलने को कहा। हम जल्दी-जल्दी पीछे लौटने लगे। अब हम दूसरे रास्ते पर चल रहे थे। गाइड ने बताया कि उसे वहां भालू कि गंध आ रही थी इसलिए वापस लौटे।
लगभग आधे घंटे के पैदल चलने के बाद हम अपने रिजार्ट वापस लौट आए। यहां हमने कुछ देर आराम किया और फिर लजीज खाना खाया। बिना इंटरनेट के यहां समय बिताना वाकई में अच्छा लग रहा था। हमने कुछ देर आराम किया और अब फिर से हमें जिम कार्बेट में ही साइकिल राइड पर जाना था। ये मेरे लिए अलग अनुभव था क्योंकि मैंने पहाड़ों में कभी साइकिल नहीं चलाई थी।
अब साइकिलिंग
इस बार साइकिल राइड पर हमारे साथ मंडाल रिजार्ट के होस्ट जाने वाले थे। पहले हम गाड़ी से ऊंचाई तक जाने वाले थे और फिर वहां से साइकिल चलाते हुए वापस आने वाले थे। प्लान में बदलाव हुआ और फिर हम साइकिल से ही ऊपर जाने के लिए तैयार हो गए जो वाकई में एक गलत फैसला था।
हम थोड़ी देर तक तो आराम से साइकिल चला रहे थे लेकिन जैसा ही ऊंचाई वाला रास्ता आया, हमें पैदल चलना पड़ रहा था। समतल रास्ते आने पर हम साइकिल पर होते थे और ऊंचाई आने पर पैदल होते थे। तब मुझे समझ आया कि पहाड़ों में साइकिल यात्रा करना सबसे कठिन काम है। हम वापस लौटने के बारे में सोच रहे थे तब एक पिकअप दिखी। हमने लिफ्ट मांगी और उसने हमें लिफ्ट दी भी दी।
चलो वापस चलें
गाड़ी वाला इन घुमावदार रास्तों पर भी गोली की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। कुछ ही मिनटों में हम चिपटाखाल में थे। अब हमें यहां से साइकिल चलाते हुए वापस लौटना था जोकि आसान काम था क्योंकि पूरा रास्ता ढलान वाला था। हम आराम से चले जा रहे थे। ढलान इतनी ज्यादा थी कि हमें साइकिल का पैडल भी नहीं चलाना पड़ रहा था। हम लोग जिम कार्बेट के दुर्गा देवी गेट पर रूके और फिर आगे बढ़ चले।
मैं पहाड़ों में पहली बार साइकिल चला रहा था। इतना तो समझ आ चुका था कि कभी पहाड़ों की पूरी यात्रा साइकिल से तो बिल्कुल भी नहीं करूंगा। जब हम अपने गंतव्य तक पहुँचने वाले थे तो हमारे होस्ट एक जगह रूक गए। वो रूके तो हमें भी रूकना पड़ा। उन्होंने बताया कि देखो पेड़ पर लंगूर आवाज कर रहा है।
उन्होंने बताया कि यहां पक्के में टाइगर है। वो देखने के लिए थोड़े आगे भी गए लेकिन बात बनी नहीं। कुछ देर के इंतजार के बाद हम जिम कार्बेट में हम वापस लौट आए। हमने रात में जिम कार्बेट के पूरे अनुभव को याद किया। मुझे पैकेज या किसी रिजार्ट में ऐसे ठहरकर घूमना पसंद नहीं है लेकिन ये वाकई में शानदार अनुभव था। अभी तो सफर शुरू हुआ था। अगले दिन फिर से हमें एक नई यात्रा पर निकलना था।
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